बिहारलेटैस्ट न्यूज़

2024 में लगातार तीसरी बार चुनाव जीतने की भाजपा की तैयारी

2024 के लोकसभा चुनाव में लगातार तीसरी बार जीत कर केंद्र में
सरकार बनाने के मिशन में जुटी बीजेपी ने अपना चुनावी प्लान तैयार कर उसे
अमलीजामा पहनाना या यूं कहें की जमीनी धरातल पर उतारना प्रारम्भ कर दिया हैबड़े
स्तर पर बीजेपी की रणनीति की बात की जाए तो विपक्षी गठबंधन की तैयारियों को
देखते हुए बीजेपी 50 फीसदी प्लस वोट बैंक हासिल करने की रणनीति पर काम कर
रही है पार्टी की योजना जहां एक तरफ अपने मजबूत गढ़ों को बचाना है तो वहीं
इसके साथ-साथ ही विपक्षी दलों के मजबूत गढ़ों में सेंध भी लगानी है

पार्टी 2019 में साथ मिलकर लड़े और अभी विपक्षियों के साथ खड़े नीतीश कुमार और उद्धव ठाकरे को भी सबक सिखाना चाहती है
2019
में हुए लोकसभा चुनाव के नतीजों की बात करें तो बीजेपी ने सहयोगी दल अपना
दल (एस) के साथ मिलकर यूपी की 80 में से 64 सीटों पर जीत हासिल की
थी पिछली बार हारने वाली 16 सीटों पर भी बीजेपी इस बार विशेष ध्यान दे रही
हैमहाराष्ट्र में बीजेपी ने शिवसेना के साथ मिलकर प्रदेश की 48
लोकसभा सीटों में से 41 पर जीत हासिल की थी आज उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना
इंडिया गठबंधन में शामिल है इसलिए बीजेपी एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना और अजित
पवार के साथ मिलकर महाराष्ट्र की सभी 48 सीटों पर जीत हासिल करने की
रणनीति पर काम कर रही है
भाजपा ने बिहार में 2019 में जेडीयू और
लोजपा के साथ मिलकर राज्य की 40 सीटों में से 39 सीटों पर जीत हासिल की थी
लेकिन आज 16 सीटें जीतने वाले नीतीश कुमार विपक्षी खेमे में हैं भाजपा
नीतीश कुमार के वोट बैंक एवं सांसदों में सेंध लगाने के साथ ही जमीनी स्तर
पर जातीय समीकरणों को साधते हुए इस बार भी पिछला प्रदर्शन दोहराना चाहती
है
पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने मध्य प्रदेश की 29 में से 28 ,
कर्नाटक की 28 में से 25, गुजरात की 26 में से सभी 26, राजस्थान की 25 में
से सभी 25 (सहयोगी दल के साथ मिलकर), हरियाणा की 10 में से सभी 10,
उत्तराखंड की 5 में से सभी 5, दिल्ली की 7 में से सभी 7, हिमाचल प्रदेश की 4
में से सभी 4, झारखंड की 14 में से 11, छत्तीसगढ़ की 11 में से 9 और असम की
14 में से 9 सीटों पर जीत हासिल की थी
भाजपा ने उत्तर प्रदेश, मध्य
प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, राजस्थान, झारखंड, छत्तीसगढ़, हरियाणा, दिल्ली,
उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में अकेले अपने दम पर 50 फीसदी से अधिक वोट
हासिल किया था बीजेपी की प्रयास इन राज्यों में भी इस बार 50 फीसदी से
ज्यादा वोट हासिल कर विपक्षी एकता को मात देने की है
भाजपा को 2019
में महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ मिलकर और बिहार में नीतीश कुमार एवं
रामविलास पासवान के साथ मिलकर 50 फीसदी से अधिक वोट हासिल हुआ था
भाजपा इस बार नए सहयोगियों के साथ मिलकर फिर से उसी करिश्मे को दोहराना
चाहती है
हालांकि बीजेपी को इस बात का भी भली–भाँति अहसास है कि अगर
विपक्षी एकता की प्रयास ठीक में सफल हो जाती है तो पार्टी के लिए
मुश्किलें बढ़ सकती है इसलिए पार्टी उन राज्यों पर भी अधिक ध्यान दे रही
है जहां या तो विपक्षी एकता कतई संभव नहीं है या जहां पिछली बार बीजेपी का
प्रदर्शन बेहतर नहीं रहा था या जहां पर इस बार बीजेपी को अच्छा प्रदर्शन
करने की आशा है
भाजपा को 2019 में आंध्र प्रदेश, केरल और
तमिलनाडु में एक भी सीट नहीं मिली थी इसलिए बीजेपी इस बार इन तीनों राज्यों
में खाता खोलने की प्रयास कर रही है आंध्र प्रदेश में वर्तमान सत्तारूढ़
पार्टी वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के इण्डिया गठबंधन में जाने की आसार नहीं है
वहीं पार्टी को यह भी लगता है कि केरल में कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व वाली यूडीएफ
और सीपीएम के नेतृत्व वाली एलडीएफ का मिलकर लड़ना संभव नहीं है और यदि ये
मिलकर लड़ते भी हैं तो ईसाई और हिन्दू मतदाताओं के बल पर केरल में भी भाजपा
का खाता खुलना तय हैपार्टी तमिलनाडु में पहली बार अपनी सहयोगी
एआईएडीएमके से बराबरी के स्तर पर बात कर रही है और उसे लगता है कि मजबूत
संगठन और सहयोगी दलों के बल पर तमिलनाडु में पार्टी का खाता खुल सकता है
केंद्र गवर्नमेंट की एक दिग्गज स्त्री मंत्री इस बार तमिलनाडु से चुनाव लड़ने की
तैयारी भी कर रही हैभाजपा को 2019 में पश्चिम बंगाल में 42 में से
18, ओडिशा में 21 में से 8, तेलंगाना में 17 में से 4 और पंजाब में 13 में
से 2 सीटों पर जीत हासिल हुई थी (पंजाब में अकाली दल भी 2 सीटों पर जीती
थी, लेकिन इस बार वह बीजेपी के साथ नहीं है)

भाजपा की प्रयास इन चारों राज्यों में पार्टी सांसदों की संख्या को बढ़ाना हैभाजपा
चुनावी लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक साथ कई स्तरों पर काम कर रही है
एक तरफ जहां लोकसभा की कमजोर माने जाने वाली 160 सीटों पर केंद्रीय
मंत्रियों और बीजेपी नेताओं की फौज उतारकर लोकसभा प्रवास योजना के जरिए
जनाधार को बढ़ाया जा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ 2019 में जीतने वाले 303
सीटों पर भी इस बार कमजोर और एक्टिव नहीं रहने वाले उम्मीदवारों को बदलने
के लिए नए उम्मीदवारों की तलाश की जा रही हैवहीं, लोकसभा चुनाव की
तैयारियों के मद्देनजर माइक्रो स्तर तक जाकर मैनेजमेंट करने के लिए और
कामकाज को संगठित एवं आसान बनाने के लिए बीजेपी ने पहली बार देशभर के सभी
राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को तीन सेक्टरों में बांट दिया है इन
सेक्टरों को – ईस्ट रीजन, नार्थ रीजन और साउथ रीजन का नाम दिया गया है
पार्टी इन तीनों रीजन में शामिल राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के
नेताओं की भिन्न-भिन्न बैठक भी कर चुकी है

Related Articles

Back to top button