बीजेपी नीतीश कुमार को लेकर हुई सॉफ्ट
पटना। राष्ट्रीय लोक जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने एक बार फिर नीतीश कुमार को अपना बड़ा भाई बताते हुए उनके स्वास्थ्य को लेकर न केवल चिंता जाहिर की है, बल्कि उनसे आग्रह भी किया है कि वह जल्द से जल्द महागठबंधन से बाहर निकल आएं। कुशवाहा ने कहा, यदि वह जल्द से जल्द महागठबंधन से बाहर नहीं निकलते हैं तो उनकी (सीएम नीतीश) स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ सकता है। उपेन्द्र कुशवाहा की इसी चिंता और आग्रह ने बिहार की राजनीति में हलचल तेज कर दी है।
दरअसल मौका था पूर्व मंत्री और पूर्व सांसद मोनाजिर हसन के उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी RLJD में शामिल होने का। जब मिलन कार्यक्रम पूरा हो गया तब पत्रकारों ने उपेन्द्र कुशवाहा से प्रश्न पूछा कि चर्चा है कि भाजपा नीतीश कुमार को लेकर सॉफ्ट हो रही है? यदि ऐसी हालात होती है कि नीतीश कुमार एनडीए के साथ आ सकते हैं, तो आपका रुख क्या होगा? इसी प्रश्न के उत्तर में उपेन्द्र कुशवाहा ने जो बोला उसने बिहार के सियासी तापमान को अचानक गर्मा दिया है।
उपेन्द्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार को लेकर कहा, नीतीश जी का चेहरा मैं जब भी देखता हूं तो काफी दुख लगता है। उनके चेहरे पर मायूसी और बेबसी दिखाई पड़ती है। मेरा नीतीश जी से आग्रह है की आप महागठबंधन से जल्द से जल्द बाहर निकलिए क्योंकि महागठबंधन में आप जितने भी दिन रहेंगे उतनी उम्र कम होगी। मेरी ख़्वाहिश है की नीतीश कुमार जल्द महागठबंधन से बाहर निकलें। नीतीश कुमार आजकल बड़ी कठिनाई में हैं उतनी कठिनाई में रहना ठीक नहीं है।
उपेन्द्र कुशवाहा ने आगे कहा, नीतीश कुमार से मेरी पर्सनल रूप से हमदर्दी है और महागठबंधन में उनकी जो स्थिति है इससे जल्द से जल्द बाहर निकल आएं। नीतीश कुमार जीवनभर भाजपा के साथ रहे और आज अलग हो गए हैं। नीतीश कुमार कहते थे CCC से कभी कंप्रोमाइज नहीं करेंगे CCC में से नीतीश कुमार ने एक सी हटा दिया है।
प्रउपेन्द्र कुशवाहा के इस बयान पर आरजेडी और जदयू ने तीखाहार किया है। जदयू के प्रवक्ता मनजीत सिंह ने बोला कि उपेन्द्र कुशवाहा पहले अपनी पार्टी को देखें, अपनी पार्टी तो संभल नहीं रही, भाजपा पूछ नहीं रही है और चले हैं नीतीश जी को ऑफर देने। पहले अपनी गिरेबां में झांक कर देख लें, तब कुछ बोलें।
वहीं, आरजेडी के मुख्य प्रवक्ता शक्ति यादव ने कहा, उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी में एक मुखिया तक जीता हुआ नहीं है और चले हैं दूसरे को ऑफर देने। पहले अपने आपको संभाल कर रखिए, नहीं तो पार्टी भी समाप्त हो जाएगी। बता दें कि बीते 9 सितंबर को जबसे प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी से मुख्यमंत्री नीतीश की मुलाकात हुई है तब से ही बिहार की राजनीति में हलचल है।