Bihar: भागलपुर में भीषण सड़क हादसा, बारात गाड़ी पर गिट्टी लदा हाईवा पलटा, 6 की मौत
Bihar: भागलपुर। कहलगांव मुख्य मार्ग एनएच-80 पर घोघा के आमापुर के पास सोमवार की रात भयंकर हादसा हो गई। एक बारात वाहन पर गिट्टी लदा हाईवा पलट गया, जिसमें दबकर स्कॉर्पियो में सवार छह बाराती की मौके पर मृत्यु हो गई। तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। घटना रात करीब 11.30 बजे की है। सभी घायलों को मायागंज अस्पताल, भागलपुर भेजा गया है। सभी शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
मौके पर ही छह की मौत
घटना की सूचना मिलनेके बाद घोघा पुलिस स्टेशन की पुलिस मौके पर पहुंची और एनएच-80 का निर्माण कर रही एजेंसी की जेसीबी और अन्य संसाधनों से मलबा हटाने का काम प्रारम्भ कराया। मलबे में से निकाले गए लोगों में तीन घायल थे, शेष छह लोगों की मृत्यु हो चुकी थी। मौके पर आसपास के लोगों की काफी भीड़ जमा हो गयी। घायलों ने क्षेत्रीय लोगों को जो सूचना दी, उसके मुताबिक बारात मुंगेर के हवेली खड़गपुर के गोवड्डा से पीरपैंती के खिदमतपुर जा रही थी।
मृतक में दो बच्चे भी शामिल
तीन स्कॉर्पियो से बाराती एनएच-80 पर भागलपुर से कहलगांव की ओर जा रहे थे। उल्टा दिशा से यानी कहलगांव की ओर गिट्टी लदा हाईवा आ रहा था। इसी दौरान हाईवा अनियंत्रित हो गया और स्कॉर्पियो पर पलट गया। बीच में चल रही स्कॉर्पियो पूरी तरह से हाईवा की जद में आ गई। हाईवा में जितनी गिट्टी भरी थी, वह स्कॉर्पियो पर आ गई और उसमें दबकर बारातियों की मृत्यु हो गई। मृतक में दो बच्चे भी शामिल हैं. दुर्घटनाग्रस्त स्कॉर्पियो के आगे-पीछे चल रही दो अन्य स्कॉर्पियों किसी तरह हाईवा से बच निकली। अन्यथा और भी अधिक लोगों की मृत्यु हो सकती थी। कहा गया कि मौके पर सड़क निर्माण कार्यचल रहा था। सड़क एक ओर से करीब तीन से चार फीट तक ऊंची थी, जिस पर ट्रक गुजरने के कारण वह अनियंत्रित होकर बाराती गाड़ी पर पलट गया।
एक घंटे तक वे लोग मलबे में दबे रहे
घोघा में बारात वाहन की हादसा में घायल 60 वर्षीय कैलाश दास सहित अन्य घायलों को सोमवार रात लगभग 1.30 बजे मायागंज हॉस्पिटल लाया गया। सबकी स्थिति गंभीर बतायी जा रही है। घायल कैलाश ने कहा कि लगभग एक घंटे तक वे लोग मलबे में दबे रहे। सांसें अटकी रहीं। वाहन में बैठे अन्य लोगों के साथ वह भी अपना होश खो बैठे थे, लेकिन कुछ देर के बाद उन्हें यह अहसास हुआ कि कोई हमें निकाले। अंदर दम घुट रहा था। साथी बाराती की क्या स्थिति थी, कौन जिंदा रहा और कौन नहीं, यह भी पता नहीं चल पा रहा था।