बिहार

विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार ने कर दिया सरकार के स्तर से बड़ा खेल

सम्राट चौधरी को पटना जिला का प्रभारी बनाया गया है.

बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार ने गवर्नमेंट के स्तर से बड़ा खेल कर दिया है. गवर्नमेंट की तरफ से 9 अगस्त को जिला स्तरीय 20 सूत्री कमेटी का गठन किया गया है. इसमें नियमानुसार हर जिले के प्रभारी मंत्री को अध्यक्ष बनाया गया है, लेकिन उपाध्यक्ष का पद इसमें 5 सांसद वाली चिराग की पार्टी LJP(R), तीन विधायक और एक सांसद वाली जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्च (हम) के नेताओं को जिला उपाध्यक्ष के पद से दूर रखा गया है. हां, सदस्यों की सूची में इनके नाम को जरूर रखा गया है. जिला स्तर पर इस परिवर्तन की खूब चर्चा हो रही है.

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L JP(R) ने कहा- पार्टी के भीतर चर्चा होगी

हालांकि इस संबंध में पूछे जाने पर LJP(R) के प्रदेश प्रवक्ता राजेश भट्‌ट ने कहा कि गवर्नमेंट ने जो निर्णय लिया है. पार्टी के भीतर उसकी चर्चा की जाएगी. इसके बाद पार्टी इस पर विचार करेगी. वहीं, हम के प्रदेश प्रवक्ता विजय यादव ने दैनिक भास्कर को कहा कि हमारी संख्या कम है, इसलिए यहां हमें तवज्जो कम दिया गया है. जिनकी जितनी संख्या है उस हिसाब से 20 सूत्री के गठन में हिस्सेदारी दी गई है. सभी 38 जिलों में हमारे पार्टी के नेता को सदस्य बनाया गया है. एनडीए में लोकतंत्र है.

11 महीने में दो बार हुआ कमेटी का गठन

दरअसल, 11 महीने के भीतर दूसरी बार जिला स्तरीय कार्यक्रम कार्यान्वयन (20 सूत्री) समिति का गठन किया गया है. इससे पहले अक्टूबर 2023 में जब राज्य में महागठबंधन की गवर्नमेंट थी. तब इसमें जदयू और राजद के नेताओं को स्थान दी गई थी. लेकिन जनवरी में जैसे ही एनडीए की गवर्नमेंट बनी, फरवरी में तीन महीने के भीतरी उस कमेटी को भंग कर दिया गया था. अब एक बार फिर से नयी कमेटी का गठन किया गया है.

18 वर्ष बाद बीजेपी कार्यकर्ताओं को जगह

बिहार में 2005 से 2013 तक लगातार एनडीए की गवर्नमेंट रही. इसके बाद 2017 और 2020 में एक बार फिर से गवर्नमेंट बनी. इन 18 वर्षों में सिर्फ़ एक बार 20 सूत्री का गठन 2005 में किया गया था. तब जदयू और बीजेपी के कार्यकर्ताओं को 20 सूत्री में स्थान दी गई थी. 2005 के बाद अब ये पहला मौका है जब एनडीए के गवर्नमेंट में 20 सूत्री का गठन किया गया है. इसमें जदयू और भाजपा के कार्यकर्ताओं को स्थान दी गई है.​​​​​​​

टीए-डीए के साथ डीएम ऑफिस में कार्यालय मिलेगा

​​​​​​​20 सूत्री कमेटी के सदस्यों को यदि सीधे तौर पर देखें तो इसे संगठन का गवर्नमेंट में जिला स्तर हिस्सेदारी के तौर पर देखा जाता है. जानकार की मानें तो गवर्नमेंट में शामिल पार्टियां निचले स्तर पर अपने कार्यकर्ताओं को सेट करती है. इसके अतिरिक्त इन्हें बहुत अधिक फायदा नहीं मिल पाता है. ये मुख्य तौर पर जिला स्तर पर चल रहे विभागीय कार्यों की समीक्षा और नज़र करते हैं. सााथ ही यदि कहीं धांधली होती है तो गवर्नमेंट को सुधार का प्रस्ताव भेजते हैं.

इसके बदले मेंं इन्हें जिला सहमाहारणालय (डीएम ऑफिस) में उपाध्यक्ष और अध्यक्ष के लिए एक चैंबर दिया जाता है. यहां इनकी सुविधा के लिए दो स्टाफ दिए जाते हैं. इसके अतिरिक्त जिस दिन समीक्षा बैठक होती है, उसमें शामिल होने के लिए इन्हें अलग से टीए और डीए दिया जाता है.

 

भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष संतोष पाठक

बिना भेदभाव के सभी दलों के कार्यकर्ताओं को दी गई है जगह- ‌BJP

भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष संतोष पाठक ने दैनिक भास्कर को कहा कि 20 सूत्री के गठन में एनडीए के सभी दलों के कार्यकर्ताओं को स्थान दी गई है. इसमें कहीं किसी प्रकार का कोई टकराव नहीं है. इसका गठन कार्यकर्ताओं के सश्क्तिकरण को ध्यान में रखकर किया गया है. इसमें एनडीए के सभी पार्टियों के कार्यकर्ताओं का समायोजन किया गया है. किसी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं किया गया है.

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