जमुई में एशिया की सबसे बड़ी एथेनॉल फैक्ट्री बनकर हुआ तैयार
जमुई जिले के बिहार-झारखंड सीमा रेखा भीतर नक्सल प्रभावित चकाई प्रखंड क्षेत्र के उरवा भलुआ गांव में एशिया की सबसे बड़ी एथेनॉल फैक्ट्री लगाया जा रहा है. फैक्ट्री निर्माण की आरंभ हो गई है. वर्ष 2025 तक एथेनॉल फैक्ट्री 2025 में बनकर तैयार हो जाएगा.
इस फैक्ट्री के बन जाने से इर्द-गिर्द रहने वाले 10 हजार बेरोजगार युवाओं को जॉब मिलेगी. केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा किया गया था कि आने वाले समय में पेट्रोल डीजल की स्थान एथेनॉल से ही वाहन का संचालन होगा. जिसको लेकर फैक्ट्री पश्चिम बंगाल की अंकुर वाई कॉम प्राइवेट कंपनी के द्वारा 4 हजार करोड़ की लागत से इसे निर्माण कराया जा रहा है.
एशिया का सबसे बड़ा एथेनॉल फैक्ट्री का शुभारंभ.
फैक्ट्री खुलने से दर्जनों गांव के किसानों को मिलेगा लाभ
फैक्ट्री के प्रोजेक्ट मैनेजर कमलाकांत ने कहा कि क्षेत्र में एथेनॉल फैक्ट्री का शुरुआत होने के बाद आधा कार्य हो चुका है. वर्ष 2025 में यह फैक्ट्री पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगी. इस फैक्ट्री से रोजाना 750 केएल बेरी का साढ़े सात लाख लीटर एथेनॉल का प्रोडक्शन किया जाएगा. यहां के किसानों को इससे लाभ मिलेगा क्योंकि आसपास रहने वाले किसानों से फैक्ट्री के द्वारा चावल और मकई की खरीदारी की जाएगी. बड़े पैमाने पर जब किसानों से चावल और मकई उचित मूल्य पर लिया जाएगा तो इस क्षेत्र के किसान खुशहाल होंगे.
10 हजार बेरोजगार युवाओं को नौकरी
तीन पीढ़ियों के बाद क्षेत्र में फैक्ट्री निर्माण होने से 10 हजार बेरोजगार युवाओं को जॉब मिलने की जानकारी के बाद क्षेत्रीय लोगों में खुशी का माहौल देखने को मिल रहा है. स्वेच्छा से उक्त क्षेत्र में रहने वाले किसान और जमीन के मालिक ने कंपनी को उचित दर पर अपनी जमीन कंपनी को रजिस्ट्री कर दिया था. फैक्ट्री के शुरुआत से ही आसपास गांव के रहने वाले 150 बेरोजगार युवाओं को उक्त फैक्ट्री के निर्माण में कार्य के लिए जॉब भी मिल गई है. जमीन देने वाले क्षेत्रीय अर्जुन राय ने कहा कि तीन पीढ़ी से रह रहे लोगों को इस क्षेत्र में जॉब के लिए दूसरे राज्य जाना पड़ता था. अपनी जमीन कंपनी को इसलिए दिया गया है ताकि यहां रहने वाले बेरोजगारों को रोजगार मिल सके.