45 डिग्री तापमान, बरसती आग के बीच बिहार के उग्रनाथ धाम में हवन और पूजन, जानें मान्यता
पूर्णिया। एक तरफ भयंकर गर्मी और तपिस से लोग परेशान हैं। मिनी दार्जिलिंग के रूप में मशहूर पूर्णिया भी 45 डिग्री तापमान पर झुलस रही है। वहीं, पूर्णिया जिला मुख्यालय से 45 किलोमीटर दूर मिथिलांचल के सांस्कृतिक विरासत सुखसेना गांव के अति प्राचीन बाबा उग्रनाथ धाम में लोग वर्षा के लिए महादेव पूजन और इंद्र ईश्वर से आराधना कर रहे हैं। दरअसल, सुखसेना गांव के मशहूर प्राचीन आपरूपी उग्रनाथ धाम में पिछले 200 वर्षों से यह परंपरा चली आ रही है। यहां हर वर्ष बैशाख महीने में पूरे गांव के लोग मिलकर विधि विधान के साथ उग्रनाथ धाम में महादेव की पूजा अर्चना करते हैं। मान्यता है कि पूजा और हवन के खत्म होने तक इस क्षेत्र में अच्छी वर्षा होती है। इस बार भी चार दिनों का महादेव पूजन प्रारम्भ हो गया है। जिसमें सवा लाख महादेव के पूजन का संकल्प लिया गया है।
कहा जाता है कि यह देवस्थल काफी मशहूर है और यहां सैकड़ों लोगों की मनोकामनाएं पूरी हुई हैं। जनकल्याण के उद्देश्य से इस देवस्थल में हर वर्ष वैशाख माह में वे लोग महादेव की पूजा करते हैं। पूरे ग्रामीण मिलकर चार दिनों की यह पूजा कर रहे हैं। पूजा के अंत में पंडितों के द्वारा हवन होता है। फिर कुमारी (कन्या) और ब्राह्मणों का भोजन कराया जाता है। वे लोग महादेव और ईश्वर इंद्र से आराधना करते हैं कि जल्द बारिश हो ताकि किसान खेती कर सके और लोगों को गर्मी से राहत भी मिल सके।
पूजा कमेटी के अध्यक्ष शारदानंद मिश्र, सदस्य संतोष झा, सुमन झा, विनोद झा, अनिल झा , केदार झा, पंडित जयप्रकाश झा और प्रकाश झा ने बोला कि सुखसेना गांव में कदम पेड के नीचे सदियों से बाबा उग्रनाथ की पूजा होती है। मान्यता है कि हर वर्ष पूजा और हवन संपन्न होने के साथ अच्छी बारिश होती है. जिससे लोग खेती कर पाते हैं।
पूजा कमेटि के अध्यक्ष शारदानंद मिश्र ने बोला कि पूजा जनकल्याण के लिए किया जाता है। यहां बाबा उग्रनाथ के साथ मां दुर्गा, मां तारा, कबूतरा स्थान, विषहरी स्थान, कृष्ण स्थान, नाथ बाबा जगह विराजमान हैं। जिस पर इस क्षेत्र के लोगों की अपार आस्था है और दूर दराज से भी श्रद्धालु दर्शन पूजन को सुखसेना पहुंचते हैं।