बिहार

शिक्षक का कमाल, ग्राफ्टिंग से तैयार किया ऐसा पौधा…

 समस्तीपुर आमतौर पर लोग ऐसी बात बोलते रहते हैं कि मेहनत का फल मीठा होता है, लेकिन अब मेहनत का फल अनोखा भी हो सकता है? समस्तीपुर जिले के मोहिउद्दीन नगर प्रखंड के नंदनी गांव के रहने वाले शिक्षक संजीत ठाकुर के आम के बाग में ऐसे ही अनोखे फल मिलते हैं वैज्ञानिक पद्धति से ग्राफ्टिंग तकनीक का सहारा लेते हुए संजीत ने अपने बगीचे में एक अनोखे आम के पौधे की बागवानी की है इस पेड़ पर 15 भिन्न-भिन्न किस्मों के आम उग चुके हैं इसमें कई हिंदुस्तान के फेमस आम की वैरायटी है

वैज्ञानिक तकनीक से इन पेड़ों पर उगाए गए आमों की किस्में, नाम और स्वाद भी अलग होता है 7-8 फीट की ऊंचाई वाले इन पेड़ों पर एक-दो नहीं, बल्कि कुल 15 भिन्न-भिन्न तरह के आम का फलन हुआ है ये पूरे समस्तीपुर जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है पटोरी अनुमंडल क्षेत्र के लिए यह प्रथम पर्यावरण सेवी हैं, जिन्होंने 15 भिन्न-भिन्न प्रजाति के आम एक ही पेड़ में उगा दिए हैं गौरतलब है कि इस विधि को खेती-किसानी में इसे ग्राफ्टिंग तकनीक बोला जाता है

 

ऐसे आया यह ख्याल
शिक्षक संजीत ठाकुर ने वार्ता के दौरान बोला कि मैं बचपन से ही पर्यावरण के क्षेत्र में कुछ न कुछ करते रहता हूं इसी दौरान हमारे दिमाग में अचानक यह बात आई कि हम भी ग्राफ्टिंग के जरिए एक पेड़ में कई भिन्न-भिन्न वैरायटी के आम उगाएं इसके बाद से अब मैं एक ही पेड़ से 15 भिन्न-भिन्न वैरायटी के आम उगा रहा हूं हमारे इस कारनामा को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते रहते हैं उन्होंने बोला कि हर वर्ष 50-75 पेड़ों का ग्राफ्टिंग कर आसपास के लोगों के बीच वितरण करते रहते हैं

 

इतने वैरायटी के होते हैं आम
15 प्रजाति के आम में जर्दालू, दशहरी, आम्रपाली, बंबइया , जर्दा, पहाड़पुर सिणधरी, मालदह, मल्लिका, थाई मांगो, गुलाब खास, बनारसी गोला, अंबिका सहित कुल 15 भिन्न-भिन्न प्रजाति का आम मौजूद है बताते चले कि उनके यहां जो आम है सभी का भिन्न-भिन्न फल भी है और भिन्न-भिन्न पत्ता भी है

Related Articles

Back to top button