बिहार सक्षमता परीक्षा में सफलता के बाद भी नियोजित शिक्षकों की कई स्तरों पर होगी जांच
BSEB Bihar sakshamta pariksha : बिहार सक्षमता परीक्षा में कामयाबी के बाद भी नियोजित शिक्षकों की कई स्तरों पर जांच होगी। परीक्षा के दरम्यान थंब इंप्रेशन (अंगूठे का निशान) लिया गया था। बायोमेट्रिक उपस्थिति के मिलान के अतिरिक्त शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की दोबारा जांच की जाएगी। इसके बाद ही सफल नियोजित शिक्षकों को जिला आवंटित किया जाएगा। सक्षमता परीक्षा देने वाले सभी नियोजित शिक्षकों को नई प्रक्रिया के अनुसार सहयोग कराया जाएगा। परीक्षा समापन के बाद अब परीक्षा में शामिल सभी शिक्षकों को अपने-अपने जिलों में जाकर थंब इंप्रेशन और बायोमेट्रिक मिलान कराना है। शिक्षा विभाग के निर्देश के बाद बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र लिखा है। साथ ही चयनित एजेंसी के माध्यम से सभी जिलों में दो-दो मशीन (ऑपरेटर सहित) दो महीने के लिए बुधवार से कार्यालय को मौजूद कराने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी है। सक्षमता परीक्षा उत्तीर्णता के बाद सभी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की विद्यालय आवंटन के पूर्व काउंसिलिंग होगी। इसमें उनके प्रमाणपत्रों की जांच की जाएगी। इसके अतिरिक्त अंगूठे का निशान और अन्य बायोमेट्रिक मिलान किया जाएगा।
तीन बार कराया जाएगा मिलान
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने बोला है कि सभी शिक्षक अभ्यर्थी का तीन बार थंब इंप्रेशन (अंगूठे का निशान) और बायोमेट्रिक मिलान किया जाना है। पहला परीक्षा केंद्र पर हो गया है। अब परीक्षा के बाद मूल प्रवेश शिक्षक अभ्यर्थी द्वारा संबंधित जिला के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) को समर्पित करना होगा। इस दौरान जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) द्वारा शिक्षक अभ्यर्थी का थंब इंप्रेशन (अंगूठे का निशान) और बायोमेट्रिक मिलान किया जाएगा। साथ में मूल प्रवेश पत्र को पोर्टल पर अपलोड कर मूल प्रवेश पत्र को कार्यालय में सुरक्षित रखा जाएगा।
परीक्षा पांच चरणों में
शिक्षा विभाग नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा में कामयाबी प्राप्त करने के लिए पांच मौका देगी। इसमें तीन मौका औनलाइन और दो मौका ऑफलाइन के माध्यम से देगी। पहले चरण में 2.32 लाख नियोजित शिक्षकों ने परीक्षा में शामिल हाने के लिए आवेदन किया। कितने नियोजित शामिल हुए, इसकी जानकारी अभी तक शिक्षा विभाग और बिहार बोर्ड ने साझा नहीं किया है। हालांकि वैसे नियोजित शिक्षक जो अब तक आवेदन ही नहीं किये हैं, उन्हें दोबारा मौका दिया जाएगा। जानकारी के मुताबिक पहले चरण में प्राथमिक विद्यालयों के कम नियोजित शिक्षकों ने परीक्षा में शामिल होने के लिए आवेदन किया। बिहार में नियोजित शिक्षकों की संख्या के मुताबिक 70 फीसदी ही आवेदन किये थे।
सक्षमता परीक्षा के अंकों के आधार पर मेधा का निर्धारण किया जाएगा
सक्षमता परीक्षा में अंकों के आधार पर मेधा का निर्धारण किया जाएगा। सक्षमता परीक्षा में जिन शिक्षकों को बेहतर अंक मिलेगा उन्हें मनपंसद जिला अवांटित किया जाएगा। वहीं जिन्हें कम अंक प्राप्त होगा, उन्हें रेंडमली जिला और विद्यालय आवंटित किया जाएगा। जैसे बीपीएससी की ओर से शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में किया गया है। नियोजित शिक्षकों से तीन जिलों का विकल्प लिया गया है। हालांकि शिक्षक संगठन इसका विरोध लगातार कर रहे हैं।
कई शिक्षक संगठन नहीं चाहते हैं दूसरे विद्यालयों में स्थानांतरण
अभी भी कई नियोजित शिक्षक संगठन परीक्षा का विरोध कर रहे हैं। यही वजह है कि अभी तक 30 फीसदी शिक्षकों ने आवेदन नहीं किया है। वहीं हजारों शिक्षक ऐसे हैं जो जिला ट्रांसफर नहीं चाहते हैं। वे सेवानिवृत्ति के कगार पर हैं। वे परीक्षा से दूर भाग रहे हैं। खासकर स्त्री नियोजित शिक्षकों को दूसरे जिला में परिवर्तन की वजह से कठिनाई अधिक होगी। इस वजह से परीक्षा में शामिल नहीं होना चाह रही हैं। वहीं इस परीक्षा में कामयाबी के बाद वेतन की राशि में अधिक अंतर नहीं हो रहा है। केवल राज्यकर्मी का दर्जा मिलेगा।