बिहार

बिहार में 23 सीटों में से RJD ने 22 पर उतारे उम्मदीवार

Lok Sabha Elections 2024: लोकतंत्र के उत्सव का माहौल चल रहा है. सभी राजनीतिक पार्टियां लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी हैं. इस बीच, बिहार में पहले फेज के चुनाव से पहले राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने 22 सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नाम का घोषणा कर दिया है. आरजेडी ने 9 अप्रैल को ये लिस्ट जारी की. महागठबंधन में आरजेडी को 23 सीटें मिली हैं, लेकिन केवल 22 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का घोषणा किया. एक सीट सिवान को छोड़ दिया गया है. ऐसे में प्रश्न है कि सिवान को लेकर क्या आरजेडी का कोई प्लान है?

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में सिवान लोकसभा सीट सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली पार्टी जेडीयू के खाते में गई है. जेडीयू ने इस सीट से विजय लक्ष्मी को प्रत्याशी बनाया है, जो पूर्व विधायक रमेश कुशवाहा की पत्नी हैं. अभी जेडीयू से कविता सिंह सांसद हैं. कविता सिंह बाहुबली अजय सिंह की पत्नी हैं. अब यहां से आरजेडी को अपने प्रत्याशी के नाम का घोषणा करना है. इसके बाद ही साफ हो पाएगा कि विजय लक्ष्मी का मुकाबल किससे होने वाला है.

हिना शहाब को चौथी बार टिकट?

सियासी गलियारों में चर्चा है कि आरजेडी एक बार फिर सिवान सीट से हिना शहाब को टिकट दे सकती है. दरअसल, इस सीट से आरजेडी ने पूर्व विधानसभा स्पीकर अवध बिहारी चौधरी को प्रत्याशी बनाने का निर्णय किया था. उन्हें हरी झंडी भी दे दी गई थी और वे क्षेत्र में प्रचार करने में जुट गए, लेकिन जब लिस्ट सामने आई तो उनका नाम होल्ड पर चला गया. कहा जा रहा है कि इसकी वजह बाहुबली पूर्व सांसद शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब हैं. हिना शहाब ने सिवान से निर्दलीय चुनाव लड़ने का घोषणा किया है. ऐसे में आरजेडी की विवशता बन गई है और अब उन्हें मनाने में जुटी है.

हिना शहाब आरजेडी के टिकट पर तीन बार सिवान सीट से चुनाव लड़ चुकी हैं. 2009, 2014 और 2019 तीनों लोकसभा चुनाव में हिना को शिकस्त मिली. अब हिना शहाब के निर्दलीय चुनाव लड़ने से सिवान का रण दिलचस्प बन गया है. वह क्षेत्र में लंबे समय से जनसंपर्क में जुटी हैं. वह लगातार आरजेडी के विरुद्ध बयान भी दे रही हैं. पिछले दिनों उनका एक वीडिया भी सामने आया था, जिसमें वह कहती नजर आईं कि पति शहाबुद्दीन के जाने के बाद आरजेडी ने उन्हें अकेला छोड़ दिया है. ऐसे में अंदरखाने में चर्चा है कि आरजेडी एक बार फिर हिना शहाब को टिकट दे सकती है.

सिवान सीट चर्चा में कब आई?

दरअसल, सिवान पहले सारण जिले का अनुमंडल हुआ करता था. 1972 में सारण से अलग होकर सीवान जिला बना. सिवान से 1957 में पहली बार झूलन सिन्हा सांसद बने थे. यह सीट चर्चा में तब आई जब यहां से शहाबुद्दीन सांसद बने. शहाबुद्दीन सिवान से चार बार सांसद रहे. शहाबुद्दीन की 2021 में कोविड-19 से मृत्यु हो गई थी. इस दौरान वह दिल्ली की तिहाड़ कारावास में सजा काट रहे थे. 2009 में आपराधिक मुद्दे में सजा मिलने के बाद चुनाव आयोग ने शहाबुद्दीन के चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी थी. शहाबुद्दीन के चुनाव लड़ने पर रोक लगी तो उनकी पत्नी हिना शहाब मैदान में उतरी. पहली बार 2009 में हिना शहाब ने आरजेडी के टिकट पर चुनाव लड़ा था.

सहनी को आरजेडी ने दी 3 सीटें

गौरतलब है कि बिहार में 40 लोकसभा सीटें हैं. आरजेडी को सबसे अधिक 26 सीटें मिलीं. हालांकि, आरजेडी ने मुकेश सहनी के साथ आने के बाद उनकी पार्टी को तीन सीटें- गोपालगंज, झंझारपुर और मोतिहारी अपने खाते से दे दी हैं. वहीं, कांग्रेस पार्टी को 9 सीटें दी गई हैं. 5 सीटों पर लेफ्ट अपने उम्मीदवार उतारेगी.

 

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