तीन बार विधायक रहे तारकेश्वर प्रसाद सिंह को हत्या एवं अपहरण मामले में मिली उम्रकैद की सजा
Bihar: छपरा। सारण जिले के मशरक से तीन बार विधायक रहे तारकेश्वर प्रसाद सिंह को मर्डर एवं किडनैपिंग मुद्दे में उम्रकैद की सजा मिली है। न्यायालय ने पानापुर थाना क्षेत्र के तुर्की निवासी शत्रुघ्न प्रसाद गुप्ता के 1996 में किडनैपिंग के बाद मर्डर मुद्दे में शामिल होने का गुनेहगार पाया है। छपरा के एमपी-एमएलसी न्यायालय ने इस मुद्दे में उन्हें गुनेहगार ठहराते हुए जीवन भर जेल की सजा सुनाई है। इसी काण्ड में दो अभियुक्त संजीव सिंह एवं पूर्व मुखिया देवनाथ राय को न्यायालय ने साक्षय के अभाव में बरी कर दिया है।
वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिये सुनाई गयी सजा
सोमवार को कारावास से ही वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिये उनकी पेशी हुई। एमपी- एमएलए न्यायालय के न्यायाधीश सुधीर कुमार सिन्हा ने पानापुर पुलिस स्टेशन में दर्ज प्राथमिकी के गुनेहगार पूर्व विधायक पर भादवि की धारा 302, 364, 201 और 27 आर्म्स एक्ट के अनुसार उम्रकैद की सजा सुनाई। इससे पहले 19 अप्रैल को उन्हें गुनेहगार ठहराया गया था। अपर लोक अभियोजक ध्रुवदेव सिंह ने अभियोजन की ओर से डॉक्टर, अनुसंधानकर्ता समेत कुल छह गवाहों की गवाही कोर्ट में कराई। गुनेहगार करार होने के बाद पूर्व विधायक को न्यायिक हिरासत में लेकर कारावास भेज दिया गया था।
गोली मारने का दिया था आदेश
इस हत्याकांड के सूचक पानापुर के तुर्की ग्राम निवासी बाबूलाल गुप्ता ने 10 जनवरी 1996 को अपने भाई शत्रुघ्न प्रसाद को गोली मारने और घायल हालत में जबरन उठाकर ले जाने को लेकर प्राथमिकी दर्ज कराई थी। प्राथमिकी में उन्होंने न्हों बोला था कि वह अपनी दुकान पर बैठे थे, तभी सात-आठ मोटरसाइकिल पर दो-दो आदमी सवार होकर किराना दुकान पर पहुंचे। सभी के हाथ में राइफल और बंदूक थी। बाइक से उतरते ही तारकेश्वर सिंह ने आदेश दिया कि गोली मारो, इतने में उनके निजी अंगरक्षक ने गोली चला दी। उनके भाई शत्रुघ्न प्रसाद गोली लगते ही जमीन पर गिर गए। बाद में मोटरसाइकिल सवार लोग उनके भाई को अगवा कर ले गए। काफी खोजबीन के बाद उनके भाई का मृतशरीर दो दिन बाद मोतिहारी के डुमरिया पुल के नीचे नदी में मिला था।