महाराष्ट्र में प्याज की कीमतों में पांच प्रतिशत से नौ प्रतिशत तक की हुयी गिरावट दर्ज
Onion Price in India: केंद्र गवर्नमेंट ने सोमवार को बोला कि प्याज के निर्यात का न्यूनतम मूल्य तय करने के बाद महाराष्ट्र में प्याज की कीमतें पिछले हफ्ते की तुलना में पांच से नौ फीसदी तक कम हो गई हैं। गवर्नमेंट ने एक बयान में बोला कि प्याज के निर्यात को हतोत्साहित करने और घरेलू बाजारों में इसकी उपलब्धता बनाए रखने के लिए न्यूनतम निर्यात मूल्य तय करने के निर्णय ने तुरन्त असर दिखाया है। महाराष्ट्र में प्याज की कीमतों में पिछले हफ्ते के मुकाबले पांच फीसदी से नौ फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई।
औसत कीमत
राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को प्याज की कीमतें उच्च स्तर पर बनी रहीं और खुदरा बाजार में प्याज की औसत मूल्य 78 रुपये प्रति किलोग्राम थी। सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। हालांकि उपभोक्ता मामलों के विभाग के जरिए संकलित आंकड़ों के मुताबिक, प्याज की अखिल भारतीय औसत मूल्य 50.35 रुपये प्रति किलोग्राम थी जबकि अधिकतम रेट 83 रुपये प्रति किलोग्राम और मॉडल मूल्य 60 रुपये प्रति किलोग्राम थी। न्यूनतम रेट 17 रुपये प्रति किलोग्राम रही। क्षेत्रीय विक्रेता प्याज 80 रुपये प्रति किलोग्राम पर बेच रहे हैं, जबकि ई-कॉमर्स मंच ‘बिगबास्केट’ और ‘ओटिपी’ पर प्याज 75 रुपये प्रति किलो की रेट पर मौजूद है।
न्यूनतम निर्यात मूल्य
केंद्र गवर्नमेंट ने शनिवार को घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता बढ़ाने के लिए 31 दिसंबर तक प्याज निर्यात पर 800 $ प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) तय किया था। यह लगभग 67 रुपये प्रति किलो बैठता है। यह एमईपी बैंगलोर रोज और कृष्णापुरम प्याज को छोड़कर प्याज की सभी किस्मों के लिए है। इसके साथ ही केंद्र ने बफर स्टॉक के लिए अतिरिक्त दो लाख टन प्याज खरीदने की घोषणा की है। यह पहले से खरीदे गए पांच लाख टन से अधिक और अतिरिक्त होगा।
बफर स्टॉक
बफर स्टॉक से प्याज का अगस्त के दूसरे हफ्ते से राष्ट्र भर के प्रमुख उपभोग केंद्रों में लगातार निपटान किया गया है। एनसीसीएफ और नेफेड के जरिए संचालित मोबाइल वैन से खुदरा कंज़्यूमरों को 25 रुपये प्रति किलो की रेट से आपूर्ति भी की गई है। पिछले हफ्ते मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बोला था कि मौसम संबंधी कारणों से खरीफ प्याज की बुवाई में देरी होने के कारण इसकी खेती का रकबा कम रहा और फसल देर से पहुंची। खरीफ प्याज की नयी आवक अब तक प्रारम्भ हो जानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है।