बिहार की 15 सीटों पर लड़ेगी ओवैसी की पार्टी, लेकिन शर्त यह है मगर…
पटना। ऑल इण्डिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने गुरुवार को बोला कि वह बाहुबली नेता रहे पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब के प्रति पूरी सहानुभूति रखती है और यदि वह निर्दलीय या किसी अन्य समान विचाराधारा वाले दल के उम्मीदवार के तौर पर लोकसभा चुनाव लड़ती हैं तो वह उनका समर्थन करेगी। बिहार में एआईएमआईएम के एकमात्र विधायक और प्रदेश इकाई के प्रमुख अख्तरुल ईमान ने यहां यह घोषणा की। हिना शहाब ने पिछले कुछ लोकसभा चुनाव सीवान से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) उम्मीदवार के रूप में लड़े थे। उनके पति शहाबुद्दीन चार बार इस सीट से सांसद रहे थे। हालांकि सियासी हल्को में इस बात की चर्चा है कि राजद इस बार हिना शहाब को टिकट न दे। हीना शहाब ने निर्दलीय लड़ने की घोषणा कर दी है। उन्होंने बोला कि या तो हम लड़ेंगे या बेटा लड़ेगा।
हमारी पूरी सहानुभूति हीना शहाब के साथ
अख्तरुल ईमान ने कहा, ‘‘हम दिवंगत शहाबुद्दीन की पत्नी के प्रति पूरी सहानुभूति रखते हैं। यदि वह निर्दलीय या समान विचारधारा वाली पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ना चुनती हैं, तो एआईएमआईएम उन्हें पूरा समर्थन देगी और यहां तक कि उनके प्रचार अभियान में भी सहायता करेगी।’’यह पूछे जाने पर कि क्या एआईएमआईएम अध्यक्ष और हैदराबाद से मौजूदा सांसद असदुद्दीन ओवैसी भी हिना शहाब के लिए प्रचार करने के लिए बिहार आएंगे, तो ईमान ने कहा, ‘‘हम उनके बारे में नहीं कह सकते क्योंकि उनकी कई व्यस्तताएं हैं। लेकिन मैंने यह साफ कर दिया है कि हमारी पार्टी क्या करना चाहती है।’’
बिहार की 15 सीटों पर लड़ेगी ओवैसी की पार्टी
ईमान ने यह भी बोला कि एआईएमआईएम ने अब राज्य में 15 सीटों पर चुनाव लड़ने का निर्णय किया है जबकि उन्होंने हाल ही में बिहार में अपनी पार्टी के 11 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा, ‘‘हम कुछ और सीटों पर चुनाव लड़ सकते हैं। उदाहरण के लिए हमारे कार्यकर्ताओं ने मधुबनी से चुनाव लड़ने का निवेदन किया है। यदि हम ऐसा करने का निर्णय करते हैं तो हम इस संबंध में घोषणा करेंगे।” ईमान बिहार की एकमात्र मुसलमान बहुल सीट किशनगंज से एक बार फिर चुनाव लड़ेंगे, जहां उन्हें पिछले आम चुनाव में लगभग तीन लाख वोट मिले थे। शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब 2009 में पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ीं लेकिन हार का सामना करना पड़ा। वहीं 2014 और 2019 में भी हिना को हार मिली।