Citizenship Amendment Act: सीएए की टाइमिंग पर अमित शाह का जवाब, बोले…
Amit Shah On CAA: नागरिकता संशोधन कानून (CAA) पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज फिर से खुलकर बात की। अमित शाह ने बोला कि सीएए की टाइमिंग पर प्रश्न उठाना गलत है। कोविड-19 वायरस आने की वजह से नागरिकता संशोधन कानून में देरी हुई। उत्पीड़ित नागरिकों को नागरिकता का अधिकार है। सारे विपक्षी दल, चाहे असदुद्दीन ओवैसी हों, राहुल गांधी, ममता बनर्जी हों या केजरीवाल हों, ये लोग असत्य की राजनीति कर रहे हैं। इसलिए टाइमिंग का महत्व नहीं है। भाजपा ने 2019 में अपने घोषणापत्र में बोला था कि हम CAA लाएंगे और अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाक से आए शरणार्थियों को नागरिकता देंगे।
CAA लागू होने की बात 41 बार कही
गृहमंत्री अमित शाह ने बोला कि 2019 में ही यह बिल संसद के दोनों सदनों ने पारित कर दिया था। कोविड-19 के कारण थोड़ी देर हुई। विपक्ष तुष्टिकरण की राजनीति कर वोट बैंक को मजबूत करना चाहते हैं। वे बेनकाब हो चुके हैं और राष्ट्र की जनता जानती है कि CAA इस राष्ट्र का कानून है। मैं 4 वर्ष में कम से कम मैं 41 बार बोल चुका हूं कि CAA लागू होगा और चुनाव से पहले होगा।
PM मोदी ने जो कहा, वह पत्थर की लकीर
बीजेपी CAA के जरिए नया वोट बैंक बना रही है, इस पर अमित शाह ने बोला कि पर विपक्ष के पास कोई और काम नहीं है। उनका इतिहास है कि वे जो कहते हैं वह करते नहीं हैं। पीएम मोदी का इतिहास है कि जो भी बीजेपी ने बोला है और नरेंद्र मोदी ने जो बोला है, वह पत्थर की लकीर है। प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी की हर गारंटी पूरी होती है। विपक्ष के पास कोई और काम नहीं है। उन्होंने यहां तक बोला कि सर्जिकल हड़ताल और एयर हड़ताल में सियासी लाभ है, तो क्या हमें आतंकवाद के विरुद्ध कार्रवाई नहीं करनी चाहिए? उन्होंने यह भी बोला कि अनुच्छेद 370 को हटाना भी हमारे सियासी लाभ के लिए था। हम 1950 से कह रहे हैं कि हम अनुच्छेद 370 को हटाएंगे।
ममता बनर्जी को दी नसीहत
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने ये भी बोला कि CAA कानून कभी वापस नहीं लिया जाएगा। हमारे राष्ट्र में भारतीय नागरिकता सुनिश्चित करना हमारा संप्रभु अधिकार है, हम इससे कभी समझौता नहीं करेंगे। वह दिन दूर नहीं, जब भाजपा पश्चिम बंगाल की सत्ता में आएगी और घुसपैठ रोकेगी। यदि आप इस तरह की राजनीति करेंगे और इतने जरूरी राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले पर तुष्टीकरण की राजनीति कर घुसपैठ कराएंगे और शरणार्थियों को नागरिकता मिलने का विरोध करेंगे, तो जनता आपके साथ नहीं होगी। ममता बनर्जी को शरण लेने वाले आदमी और घुसपैठिए के बीच अंतर नहीं पता।